Friday, January 17, 2014

कविता - पत्र

 कविता -पत्र-….!
-अरुण वि.देशपांडे -पुणे
-----------------------------------------------------------------
ख्याली -खुशाली सांगते - पत्र
दोन मनाचा संवाद-सेतू - पत्र
आपलाच असे  संवाद ,  ते- पत्र
मनांतल्या  भावनानाचे रूप जणू पत्र …।
दूर असो कुणी किती ही
त्याला  जवळ आणते  पत्र
अस्फुट -अव्यक्त भावनां व्यक्त
करते  तुमचे आमचे एक पत्र ......।
नव्या जमान्यात असलो जरी आता
लिहिण्या साठी अजूनही खुणावते हे-पत्र
उतरवा मनातले प्रपात सारे
मन मोकळे कळेल हे एक पत्र …....।
---------------------------------------------------------------------
-अरुण वि.देशपांडे -पुणे.
-------------------------------------------------------------------