कविता - तू एकदा तरी यावे …
-अरुण वि.देशपांडे -पुणे
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तू एकदा तरी यावे
मज भेटुनी जावे
बोलणे नाही झाले
फक्त पाहुनी जावे …!
हलके घेऊ नकोस
माझ्या विनंतीला
उशीर नको येण्या
फक्त पाहुनी जावे …!
दिसेल डोळ्यात माझ्या
ज्योत प्रतिक्षेची तुझ्या
मनी आठवणींचे थवे
तू एकदा तरी यावे
मज भेटुनी जावे ….!
काळोख दाटला हा
मज काहीच दिसेना
झाली दिवे लागणी
दिवा लावूनी जावे
तू एकदा तरी यावे
मज भेटुनी जावे …….
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कविता - तू एकदा तरी यावे …
-अरुण वि.देशपांडे -पुणे
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-अरुण वि.देशपांडे -पुणे
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तू एकदा तरी यावे
मज भेटुनी जावे
बोलणे नाही झाले
फक्त पाहुनी जावे …!
हलके घेऊ नकोस
माझ्या विनंतीला
उशीर नको येण्या
फक्त पाहुनी जावे …!
दिसेल डोळ्यात माझ्या
ज्योत प्रतिक्षेची तुझ्या
मनी आठवणींचे थवे
तू एकदा तरी यावे
मज भेटुनी जावे ….!
काळोख दाटला हा
मज काहीच दिसेना
झाली दिवे लागणी
दिवा लावूनी जावे
तू एकदा तरी यावे
मज भेटुनी जावे …….
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कविता - तू एकदा तरी यावे …
-अरुण वि.देशपांडे -पुणे
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