कविता - संशय ..! -अरुण वि देशपांडे -पुणे
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मनात नसावी
जागा -संशयास ,
प्रवेश कधीही
याला देऊ नका ......!
शत्रू कोणताही
वाईट नेहमी
परी विध्वंसक
सगळ्यात हा ........!
सुखात कालवी
विष हा नेहमी
कोणत्या रुपात
भेटे भरोसा नाही......!
मनांचा विस्वास
हाच असे खास
या आधारे हो
संशय दूर ठेवा ........!
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कविता - संशय ..! -अरुण वि देशपांडे -पुणे
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