कविता- आपली मराठी..!
(एकता दिवाळी अंक- २०१२ मध्ये प्रकाशित )
-अरुण वि.देशपांडे -पुणे.
-------------------------------------------------------------------------------------------------
मराठी असे माझी मायबोली
सर्व ठिकाणी असावी हीच बोली
किर्तीरुपाने राहावी नित्य दिगंत
साहित्य रूपाने मनात ही बोली .....।।
कवी असो वा असोत लेखक
कौतुक गावे सदाच तुम्ही
गा मराठी , लिहा मराठी
बोला भाषा आपली मराठी.............।।
ज्ञानराजाने म्हणुनी ठेविले
अमृता समान आहे मराठी
करू पोषण आपल्या मनाचे
अमृत प्राशन करुया मराठी ............।।
आजचे पालक असुदे ध्यानी
नव्या पिढीच्या ठसवा मनी
संस्कार धन आहे ही मराठी
बोलती ठेवा आपली मराठी ..............।।
--------------------------------------------------------------------------------------------------
कविता - आपली मराठी ....।
(एकता दिवाळी -अंक- २०१२-मध्ये प्रकाशित )
-अरुण वि.देशपांडे -पुणे.
------------------------------------------------------------------------------------------------------------
(एकता दिवाळी अंक- २०१२ मध्ये प्रकाशित )
-अरुण वि.देशपांडे -पुणे.
-------------------------------------------------------------------------------------------------
मराठी असे माझी मायबोली
सर्व ठिकाणी असावी हीच बोली
किर्तीरुपाने राहावी नित्य दिगंत
साहित्य रूपाने मनात ही बोली .....।।
कवी असो वा असोत लेखक
कौतुक गावे सदाच तुम्ही
गा मराठी , लिहा मराठी
बोला भाषा आपली मराठी.............।।
ज्ञानराजाने म्हणुनी ठेविले
अमृता समान आहे मराठी
करू पोषण आपल्या मनाचे
अमृत प्राशन करुया मराठी ............।।
आजचे पालक असुदे ध्यानी
नव्या पिढीच्या ठसवा मनी
संस्कार धन आहे ही मराठी
बोलती ठेवा आपली मराठी ..............।।
--------------------------------------------------------------------------------------------------
कविता - आपली मराठी ....।
(एकता दिवाळी -अंक- २०१२-मध्ये प्रकाशित )
-अरुण वि.देशपांडे -पुणे.
------------------------------------------------------------------------------------------------------------