Saturday, August 17, 2013

कविता - राजा -राणीची कहाणी ..!

कविता - राजा-राणीची कहाणी …!
 -अरुण वि . देशपांडे - पुणे .
------------------------------------------------------------------
 स्वप्नाळू राजा -राणी
 स्वप्ने रोज  पहायची
 हरवून  त्यात जाती
 आपले हे  राजा- राणी ……।

 शब्द बोलती  ते दोघे 
 प्रेमाने ओथम्ब्लेले
 मने दोन ती अवघी
 प्रेमानेच भारलेले ……. !

 वसंत-प्रेमाचे दिवस
 हळू हळू ओसरले 
 भान जगण्याचे आले
 व्यवहार सुरु झाले ….…।

दाल-रोटीचा मेळ हा
कठीण खेळ भासला
नळाला नयेणारे पाणी
आणायचे डोळा पाणी …. !

नोकरी  दोघांची खरी
दोघांना ती फार प्यारी
कुणी  करायचे आता ?
वाद घाली राजाराणी ……!

समजदारी दुरावता
दुरावा तोही वाढला
दोन दिशा दोन चेहेरे
बसून राही राजा राणी ….!

आटून गेले प्रेम नि
अडली प्रेम - कहाणी
समजून घ्यावे एकमेका
विसरले की राजा -राणी ……. !
-----------------------------------------------------------------------------------
कविता - राजा -राणीची कहाणी …!
-अरुण वि . देशपांडे - पुणे .
---------------------------------------------------------------------------------------