Sunday, November 1, 2015

एक कविता ..!

एक कविता …!
-अरुण वि . देशपांडे
-------------------------------------------------
काय सांगायचे कसे सांगायचे ?
घुटमळते मन सांगण्यासाठी
शोधात ते मग निघते शब्दांच्या
मदत करती जे कवितेसाठी …!

कविता जणू एक सखी जिवलग
सारखी मनात ती डोकावते
अस्वथ मनास समजावते छान
बळ देई कविता जगण्यासाठी …!

कविता जाणीव देते एक नवी
माणूस असुदे  मनात नेहमी
कर विचार या माणसांचा तु रे
तुझी कविता असावी त्याच्यासाठी …!
-------------------------------------------------------------
एक कविता ।!
-अरुण वि. देशपांडे .
----------------------------------------------------------------------