Saturday, June 27, 2015

कविता - नशिबास वेळ हो मिळेना ..!

कविता - , नशिबास वेळ हो मिळेना ....!
-अरुण वि. देशपांडे -पुणे .
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वेदना -दुख: यातनांची रात्र सरता सरेना
भोग असे हे नशिबात का माझ्या ? काही कळेना  ||

मान्य आहे  मजला .सुख- दुखः या जीवनाच्या बाजू
सुख दाखविते  वाकुल्या ,दुखः  ते पळता पळेना     ||

अंधार असतो म्हणे ,  आपला पाहुणा हा रात्रीचा
बसला इथेच हा ,सकाळ  झाली कधी ? ते कळेना      ||

येईल अशी एक ,जी असेल पहाट माझ्यासाठी
जीव आला कंठाशी आता , वेळ येण्याची ती जुळेना   ||

का व्यर्थ शोक करिसी असा ,? विचारता कुणी , सांगे
भले करण्या माझे, नशिबास वेळ हो मिळेना ....!    ||
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कविता - , नशिबास वेळ हो मिळेना ....!
-अरुण वि. देशपांडे -पुणे .
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Wednesday, June 3, 2015

आजच्या - ०३ जून -२०१५ - दिव्य -मराठी -किड्स -कॉर्नर.-मध्ये प्रकाशित बाल-कविता ---------- - कठीण समयी ..!-

रसिक-मित्र हो -नमस्कार
आजच्या - ०३ जून -२०१५ -
दिव्य -मराठी -किड्स -कॉर्नर.-मध्ये प्रकाशित बाल-कविता
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बाल-कविता - कठीण समयी ..!-
अरुण वि.देशपांडे -पुणे.
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गोड बोलण्याने
छान वागण्याने
मित्र होती सारे
सहजपणे ....!

वात दिव्याची ही
सारिते अंधारा
करिते उजेड
भोवताली ...!
मदत अशीही
आपण करावी
असे जो कुणी
अडचणीत ...!
सोबती असावे
कठीण समयी
सुखाचे सोबती
काय कामाचे .?
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बाल-कविता - कठीण समयी ..!-
अरुण वि.देशपांडे -पुणे..
मो- ९८५०१७७३४२ .
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Monday, June 1, 2015

कविता - तिची आठवण ...!

कविता- तिची आठवण..!
-अरुण वि.देशपांडे -पुणे.
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तिचा सहवास
तिचे गोड शब्द
हीच साठवण
तिची आठवण ….!

सोबत असते
ती माझ्या ,मी तिच्या 
 कुठेही  असते
तिची आठवण …!

डोळ्यातून बोले
ओठातून खुले
रूप तिचे हेच
तिची आठवण …!

आधार देणे ते
आधार घेणे हे
हात हाती देणे
तिची आठवण...!
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कविता - तिची आठवण …!
-अरुण वि.देशपांडे -पुणे.
मो- ९८५०१७७३४२
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