Sunday, September 28, 2014

कविता - हळुवार आठवणी लहरती ..!

कविता - हळुवार आठवणी लहरती .
-अरुण वि. देशपांडे -पुणे .
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 हळुवार आठवणी लहरती .
जशा अवीट गाण्याच्या ओळी
झिरपती त्यातुनी क्षण ते सारे
बनुनी सहवास गीताच्या ओळी ….!

चंद्र असतो आकाशी विहरत
असते सोबत  लाडकी  चांदणी
मन येते मोहरे रम्याशा वेळी
झिरपती त्यातुनी क्षण ते सारे
बनुनी सहवास गीताच्या ओळी ….!

वास्तव भव्तालीचे नसे सुखद
परी सहवास असीम सुखाचा
नको आठवनी या  बेधुंद वेळी
झिरपती त्यातुनी क्षण ते सारे
बनुनी सहवास गीताच्या ओळी ….!
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कविता - हळुवार आठवणी लहरती .
-अरुण वि. देशपांडे -पुणे .
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Monday, September 22, 2014

कविता -खंत

कविता -  खंत .
-अरुण वि.देशपांडे -पुणे.
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कुणी साथ सोडोनी निघुनी जाता .
खंत का वाटावी  हो मनास  आता     ।।

समजुतीच्या  फंदात नको पडणे
कुणी समजुन घेईनासे झाले आता   ।।

भावना झाल्या इथे आता प्रदूषित
मोकळेपणात   परकेपणा   आता     ।।
 
मनाचे बांध ते  कोरडेठप्प  आता 
व्यर्थ  डागडुजी नको करणे आता     ।।
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कविता -  खंत .
-अरुण वि.देशपांडे -पुणे.
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Sunday, September 14, 2014

कविता - खोडून टाकणे मत कुणाचे .

कविता - खोडून टाकणे मत कुणाचे .
-अरुण वि.देशपांडे -पुणे .
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मोडून टाकणे मन कुणाचे
खोडून टाकणे मत कुणाचे
अजून नीटसे जमले  नाही
काही केल्या शब्द फुटले  नाही .

मुकाटयानेच  ऐकुनी घेतले
बोलणे कुणाचे तोडले नाही
खोडून टाकणे मत कुणाचे
अजून नीटसे जमले  नाही .

आता बोलतो थोडे जरी कधी
कुणीही मनावर  घेत नाही
मोडून  टाकणे मत कुणाचे
अजून नीटसे जमले  नाही .

स्वार्थासाठी वापर करतांना 
मागेपुढे कुणी पाहिले नाही .
आपलीच आहेत माणसे ही
अजून जराही  उमजली नाही

खोडून टाकणे मत कुणाचे
अजून नीटसे जमले  नाही .
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कविता - खोडून टाकणे मत कुणाचे .
-अरुण वि.देशपांडे -पुणे .
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Monday, September 1, 2014

ओळख भारत रत्नांची - लाल बहादूर शास्त्री

साप्ता.-चपराक -पुणे. अंक.दि. २५ ऑगस्ट २०१४ मध्ये प्रकाशित माझा लेख.
आपल्या अभिप्रायार्थ.
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Photo: साप्ता.-चपराक -पुणे. अंक.दि. २५ ऑगस्ट २०१४ मध्ये प्रकाशित माझा लेख.
आपल्या अभिप्रायार्थ.
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