Monday, September 11, 2017

कविता-- नयन

स्टोरी मिरर आयोजित कविता /गझल स्पर्धा
माझी प्रथम पुरस्कार प्राप्त कविता
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नयन
-अरुण वि .देशपांडे
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नयनात तुझिया सखे
 मी मजला पहातो
चिमुकले जग तुझे माझे
त्यात दिसता जीव हा सुखावतो  ।।

लढाईत या जगण्याच्या
सावलीसोबत तुझी असते
बळ येते लढण्यास मला जेंव्हा
नयनातून बोलक्या तुझ्या धीर देते  ।।

शांत तृप्त नयन तुझे
मज अथांग डोहासम भासती
व्यथा वेदनांचा मज विसर पडे
तुझी सुखद नजर मजवरी पडे     ।।

व्यक्त होण्यास कधी कधी
शब्द बोलके -ते ही तोकडे पडते
सस्मित नयनांनी तू मज बोलता
ओझे मनावरचे हलके हलके होते ।।

एक स्वप्न माझ्या मनीचे सखे
कुशीत असता मी तुझ्या पूर्ण व्हावे
नयनांशी  हितगुज करता करता
भावविश्व सारे भरुनी हे यावे         ।।
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कविता - नयन
-अरुण वि .देशपांडे.

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