कविता - यश - अपयश …!
-अरुण वि .देशपांडे - पुणे .
-----------------------------------------------------
अपयशच लागता हाती
मनास वेदना फार होती
मेहनत करून शेवटी
काहीच नाही लागत हाती …!
पराभवाचे दुखः मनाला
सहन करावे की लागते
अपमानाचे जहर सारे
चुपचाप गिळावे लागते ….!
यशाची गणिते ,गृहीतके
कुणी कुणा सांगत नसतो
अपयशाचे माप मात्र जोतो
पदरी आपल्या टाकून जातो …!
यशाचा झगमगाट पाहणे
आवडे सर्वानाच नेहमी
अंधारी कुढत बसणे हे
अपयशाच्या असे नशिबी ….!
आधाराचा शब्द आपुला
आपणहून जर दिला
मिळेल उमेद त्या एकाला
पुढचे पाउल टाकायला ….!
------------------------------------------------------------------
कविता - यश - अपयश …!
-अरुण वि .देशपांडे - पुणे .
---------------------------------------------------------------------
-अरुण वि .देशपांडे - पुणे .
-----------------------------------------------------
अपयशच लागता हाती
मनास वेदना फार होती
मेहनत करून शेवटी
काहीच नाही लागत हाती …!
पराभवाचे दुखः मनाला
सहन करावे की लागते
अपमानाचे जहर सारे
चुपचाप गिळावे लागते ….!
यशाची गणिते ,गृहीतके
कुणी कुणा सांगत नसतो
अपयशाचे माप मात्र जोतो
पदरी आपल्या टाकून जातो …!
यशाचा झगमगाट पाहणे
आवडे सर्वानाच नेहमी
अंधारी कुढत बसणे हे
अपयशाच्या असे नशिबी ….!
आधाराचा शब्द आपुला
आपणहून जर दिला
मिळेल उमेद त्या एकाला
पुढचे पाउल टाकायला ….!
------------------------------------------------------------------
कविता - यश - अपयश …!
-अरुण वि .देशपांडे - पुणे .
---------------------------------------------------------------------
No comments:
Post a Comment