Sunday, October 27, 2013

कविता - शोध स्व-चा ...!

कविता - शोध स्व " चा ...!
-अरुण वि. देशपांडे - पुणे .
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कसा शोध घ्यावा ?
आपल्या  स्व" -चा
सापडले वाटे तरी
हात राही रिकामा ….!

लढावी लागते रोज
जगण्याची लढाई
आपलीच आपल्याला
नसे सोबतीला कुणी …    !

ओळखण्यात स्वतःला
कमीच पडतो आम्ही
शोध घेत रहावा नेहमी
आपणच मग  स्व- चा  …।

कठीण नाही फारसे
सामरे जावे आव्हानाना
आत्मबळ जागवावे
जागवून  स्वतहाला ...!
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- कविता - शोध स्व्-चा ..!
-अरुण वि. देशपांडे - पुणे .
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