कविता - अशी असते कविता …!
-अरुण वि देशपांडे - पुणे .
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मनास मन बोले आतुनी
नजर शब्दाविना बोलकी
सांगण्यास शब्दात हे सारे
मदतीस येते मग कविता …!
अन्वयार्थ जीवनाचा सांगे
अनुभूतीची असे कविता
अंतरंगी असे प्रत्येकाच्या
अंतर - प्रवाही ही कविता ………. !
माणूसपण माणसाचे
शब्दरूपात दावे कविता
भाव-भावनाचे कल्लोळ
म्हणजेच असते कविता ……. !
जीवनाच्या वाटचाली साऱ्या
असोत किती त्या खडतर
काट्या-कुटयांच्या रस्त्यात मग
हिरवळ असते कविता ……।
मन-संवादी असते कविता
आत्मभान देते ही कविता
आपणच लिहावी आपली
स्वतहाची अशी एक कविता …. !
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कविता - अशी असते कविता ….!
-अरुण वि देशपांडे . पुणे .
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-अरुण वि देशपांडे - पुणे .
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मनास मन बोले आतुनी
नजर शब्दाविना बोलकी
सांगण्यास शब्दात हे सारे
मदतीस येते मग कविता …!
अन्वयार्थ जीवनाचा सांगे
अनुभूतीची असे कविता
अंतरंगी असे प्रत्येकाच्या
अंतर - प्रवाही ही कविता ………. !
माणूसपण माणसाचे
शब्दरूपात दावे कविता
भाव-भावनाचे कल्लोळ
म्हणजेच असते कविता ……. !
जीवनाच्या वाटचाली साऱ्या
असोत किती त्या खडतर
काट्या-कुटयांच्या रस्त्यात मग
हिरवळ असते कविता ……।
मन-संवादी असते कविता
आत्मभान देते ही कविता
आपणच लिहावी आपली
स्वतहाची अशी एक कविता …. !
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कविता - अशी असते कविता ….!
-अरुण वि देशपांडे . पुणे .
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