Monday, November 11, 2013

कविता - अशी असते कविता ..!

कविता - अशी असते कविता …!
-अरुण वि देशपांडे - पुणे .
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मनास मन बोले आतुनी
नजर शब्दाविना बोलकी
सांगण्यास शब्दात हे सारे 
मदतीस येते मग कविता …!

अन्वयार्थ जीवनाचा सांगे
अनुभूतीची असे कविता
अंतरंगी असे  प्रत्येकाच्या
अंतर - प्रवाही ही कविता ………. !

माणूसपण माणसाचे
शब्दरूपात दावे कविता
भाव-भावनाचे कल्लोळ
म्हणजेच असते कविता ……. !

जीवनाच्या वाटचाली  साऱ्या
असोत किती त्या खडतर
काट्या-कुटयांच्या रस्त्यात मग 
हिरवळ  असते कविता ……।

मन-संवादी असते कविता
आत्मभान देते  ही  कविता
आपणच लिहावी आपली
स्वतहाची अशी एक कविता …. !
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कविता - अशी असते कविता ….!
-अरुण वि देशपांडे . पुणे .
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