Wednesday, November 26, 2014

कविता सद्गुरूंचा धावा …!

कविता सद्गुरूंचा धावा …!
-अरुण वि.देशपांडे - पुणे.
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करुणा मनात  साठली
चिंता मनात ही  दाटली
सावरण्या आम्हासी आता
सद्गुरू धावा हो  धावा …!

आर्थिक मोहजालात या
मन खोल खोल की रुतले
काढा याजला बाहेर तुम्ही
सद्गुरू धावा हो  धावा …!

तुझे माझे , माझे ना कुणाचे
भांडण ऐहिक सुखांचे
गुंता अवघा सोडवण्या
सद्गुरू धावा हो  धावा …!
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 कविता सद्गुरूंचा धावा …!

-अरुण वि.देशपांडे - पुणे.
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