Sunday, September 28, 2014

कविता - हळुवार आठवणी लहरती ..!

कविता - हळुवार आठवणी लहरती .
-अरुण वि. देशपांडे -पुणे .
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 हळुवार आठवणी लहरती .
जशा अवीट गाण्याच्या ओळी
झिरपती त्यातुनी क्षण ते सारे
बनुनी सहवास गीताच्या ओळी ….!

चंद्र असतो आकाशी विहरत
असते सोबत  लाडकी  चांदणी
मन येते मोहरे रम्याशा वेळी
झिरपती त्यातुनी क्षण ते सारे
बनुनी सहवास गीताच्या ओळी ….!

वास्तव भव्तालीचे नसे सुखद
परी सहवास असीम सुखाचा
नको आठवनी या  बेधुंद वेळी
झिरपती त्यातुनी क्षण ते सारे
बनुनी सहवास गीताच्या ओळी ….!
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कविता - हळुवार आठवणी लहरती .
-अरुण वि. देशपांडे -पुणे .
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