Wednesday, February 8, 2012

कविता -कोलेज निरोपाच्या दिवशी

कालेज निरोपाच्या दिवशी || -अरुण वि.देशपांडे-पुणे. माझ्या कौलेजच्या दिवसांची सांगावी ती मजा किती | निरोपाच्या दिवशी झाली गर्दी , आठवणींची किती ...|| मोकळ्या मनाने हे सांगे , तुम्हा सर्वांना मी हो आज चार भिंतीत नव्हते फक्त हे, आमचे हो कौलेज .........|| लाभले सारे गुरुजन , त्यांची तळमळ छान दिधले भरभरुनी त्यानी ,आम्हाला खूप नौलेज .........|| कौलेजाचे कवतुक सारे, कितीदा ते सांगावे झाले सांगून आधी तरी , पुन्हा अजुनी सांगावे ..........|| मित्र -मैत्रीणीत रमणे ते, वाटे हो किती छान संपले कौलेज तरी वाटे, इथेच थांबावे छान ..............|| संस्कारांची शिदोरी सारी , आता सोबत घेउनी वाटचाल करायची आम्हा , नव्या रस्त्यावरूनी .........|| द्यावा आशीर्वाद आम्हा , गुरुजन हो तुम्ही येतय जरी डोळा पाणी , निरोप घेतोय आम्ही ...........|| --------------------------------------------------------------------------------------------------- कविता -" कौलेज निरोपाच्या दिवशी "... -अरुण वि.देशपांडे- पुणे. मो- ९८५०१७७३४२. ---------------------------------------------------------------------------------------------------------

No comments:

Post a Comment