Sunday, February 5, 2012

कविता- जाता - जाता "

कविता- जाता जाता ...|| -अरुण वि .देशपांडे-पुणे.

काही हुकले काही चुकले , कसला हिशेब जाता जाता

थोडे थोडे जरी जमले ,चुकते करू जाता जाता .......||

पाहता वळून मागे आता ,मन भडभडे जाता जाता

पुन्हा पुन्हा मायाबजारी या, नकोच गुंतणे जाता जाता ..||

कैसे शब्द - कसल्या भावना , आठवणे नको जाता जाता

दुखावली असतील सारी , नको उगाळणे जाता जाता .. ||

कैफ मस्तीखोर जगण्याचा ,आठवतो आता जाता जाता

बरे नाही सारे गमावणे , सांगावे हे आता जाता जाता ....||

-----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

-कविता- जाता जाता ..|| -अरुण वि .देशपांडे- पुणे.

दि.०२ फेब्रु.-२०१२. मो- ९८५०१७७३४२.

-----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------

No comments:

Post a Comment