Thursday, March 27, 2014

कविता - शरण श्री स्वामी समर्थ ...!

कविता-   शरण श्री स्वामी समर्थ ....!
-अरुण वि.देशपांडे -पुणे.
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अर्थहीन जीवनात आता
आणण्या खरा एक  अर्थ
जाऊ मनोभावे आपण हो
शरण श्री स्वामी समर्थ ....!

जीव थकून जातो मग
बुद्धीस येतो मग शीण
हुरूप येण्यास जावे आता
शरण श्री स्वामी समर्थ ….!

प्रयत्न पडती कमी कधी
परिश्रम विफल ही जाती
उमेद  हुरूप येण्यासाठी
शरण श्री स्वामी समर्थ …!
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कविता-   शरण श्री स्वामी समर्थ ....!
-अरुण वि.देशपांडे -पुणे.
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1 comment:

  1. जय जय श्री स्वामी समर्थ।।सुंदर👏👏👏

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