Thursday, April 10, 2014

कविता - मज लागो गोडी दर्शनाची ....!

कविता - मज लागो गोडी दर्शनाची …!
अरुण वि.देशपांडे -पुणे,
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विनंती तुमच्या चरणाशी
मज लागो गोडी दर्शनाची ….।।

 शिणले शिणले मन  माझे
 धावाधाव नाही करायची
 मन रमो आता  चरणाशी
मज लागो गोडी दर्शनाची ….।।

मनात असते इच्छा एक
ओढ तुमच्या हो  दर्शनाची
ठेवावे मस्तक चरणाशी
मज लागो गोडी दर्शनाची ….।।

नाही मनास अजून उमज
नाही चिंता त्यास कल्याणाची
उपदेश वाणी पडो कानी
मज लागो गोडी दर्शनाची ….।।
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कविता - मज लागो गोडी दर्शनाची …!
अरुण वि.देशपांडे -पुणे,
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