Thursday, April 24, 2014

कविता- सद्गुरू स्वामी समर्थ ...!

-कविता- सद्गरु स्वामी समर्था ...।।
-अरुण वि.देशपांडे -पुणे.
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भक्तीची गोडी मनास लागो
प्रार्थना  सदा  एक  करितो
करुणायुक्त मनाची  याचना
चरणी तव आम्ही अर्पितो .....!

दर्शन घेता समर्था तुमचे
मनी भाव सुंदर प्रकटतो
नाम स्मरणाचा भाव दीप
मन मंदिरी आम्ही लावतो …।!

दर्शनासाठी  भक्त तुमचा
ओढीने अक्कलकोटी येतो
मन भरून दर्शन होता  तो
मन भरभरून की पावतो …।!
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-कविता- सद्गरु स्वामी समर्था ...।।
-अरुण वि.देशपांडे -पुणे.
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