कविता - तो रस्ता ही मज आता दुरावला
-अरुण वि.देशपांडे -पुणे
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दुरावलो तुज पासुनी ज्या समयी
किती यातना त्या जाहल्या मनाला
चाललो रस्त्याने सोबत आपण
तो रस्ता ही मज आता दुरावला .....!
त्या एका संध्याकाळी तूच तर
प्रेम ते आहे किती - हे सांगितले
जीव कानात आणुनी अन मी ऐकले
नि , हात हातात तू माझा घेतला ....!
एका सकाळी अचानक मग एक
वावटळ गैर -समजाची आली
वादळात त्या ,शब्द तुझा विरला
तो रस्ता ही मज आता दुरावला .......!
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कविता - तो रस्ता ही मज आता दुरावला ...!
-अरुण .वि.देशपांडे -पुणे.
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-अरुण वि.देशपांडे -पुणे
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दुरावलो तुज पासुनी ज्या समयी
किती यातना त्या जाहल्या मनाला
चाललो रस्त्याने सोबत आपण
तो रस्ता ही मज आता दुरावला .....!
त्या एका संध्याकाळी तूच तर
प्रेम ते आहे किती - हे सांगितले
जीव कानात आणुनी अन मी ऐकले
नि , हात हातात तू माझा घेतला ....!
एका सकाळी अचानक मग एक
वावटळ गैर -समजाची आली
वादळात त्या ,शब्द तुझा विरला
तो रस्ता ही मज आता दुरावला .......!
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कविता - तो रस्ता ही मज आता दुरावला ...!
-अरुण .वि.देशपांडे -पुणे.
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