Saturday, February 2, 2013

कविता - तो रस्ता ही मज आता दुरावला ...!

कविता - तो रस्ता ही मज आता दुरावला
-अरुण वि.देशपांडे -पुणे
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दुरावलो तुज पासुनी  ज्या समयी
किती यातना  त्या  जाहल्या मनाला
चाललो   रस्त्याने सोबत आपण
तो रस्ता ही मज आता  दुरावला .....!
त्या एका संध्याकाळी तूच तर
प्रेम ते  आहे किती - हे सांगितले
जीव कानात आणुनी  अन मी ऐकले
  नि , हात  हातात तू माझा घेतला ....!
एका सकाळी  अचानक  मग  एक
वावटळ  गैर -समजाची   आली
वादळात त्या  ,शब्द तुझा विरला 
तो रस्ता ही मज आता दुरावला .......!
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कविता - तो रस्ता ही मज आता  दुरावला ...!
-अरुण .वि.देशपांडे -पुणे.
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