दिव्य अमृतवाणी - गुरुवाणी ।।
---------------------------------------------
केली विनवणी । श्री गुरुचरणी ।
दिव्य गुरुवाणी । कानी पडो ।।
---------------------------------------------
केली विनवणी । श्री गुरुचरणी ।
दिव्य गुरुवाणी । कानी पडो ।।
उपदेश बोल । आत गेले खोल ।
मन गोल गोल । स्थिरावले। ।।
मन गोल गोल । स्थिरावले। ।।
कान उघाडणी । करी गुरुवाणी ।
ही अमृतवाणी । खरोखरी ।।
ही अमृतवाणी । खरोखरी ।।
घडता दर्शन । हे अंतर मन ।
किती विलक्षण । बदलले ।।
--------------------------------------------------
दिव्य अमृतवाणी -गुरुवाणी ।।
-अरुण वि.देशपांडे-पुणे.
9850177342
-------------------------------------
किती विलक्षण । बदलले ।।
--------------------------------------------------
दिव्य अमृतवाणी -गुरुवाणी ।।
-अरुण वि.देशपांडे-पुणे.
9850177342
-------------------------------------
No comments:
Post a Comment