Sunday, March 17, 2013

कविता - जाता जाता ...!

कविता- जाता जाता ...||
-अरुण वि .देशपांडे-पुणे.
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काही हुकले काही  चुकले|   कसला हिशेब जाता जाता
थोडे थोडे जरी जमले    |    चुकते करू जाता जाता .......||
पाहता वळून मागे आता  |  मन भडभडे जाता जाता
पुन्हा पुन्हा मायाबजारी |    नकोच गुंतणे जाता जाता ..||
कसले शब्द कसल्या भावना | आठवणे नको  जाता जाता
दुखावली असतील सारी    |   नको उगाळणे जाता जाता ..   ||
कैफ मस्तीखोर जगण्याचा |  आठवे  आता जाता जाता
बरे नाही सारे  गमावणे    |   सांगावे हे आता जाता जाता ....||
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-कविता- जाता जाता ..||
-अरुण वि .देशपांडे- पुणे.
                                          
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