Sunday, July 30, 2017

कविता- ओ मनमीत

कविता-
ओ मनमीत ।।
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हर पल गया बीत
यादोंमे तेरे
ओ मेरे मनमीत ..!

मिलना हमारा
कितना मीठा
सपना प्यारा जैसे
मधुरतम प्रेम गीत...

चांदतारे भी
ऊदाससे
हम भी वैसे
तेरे बिना मेरे मीत..
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कविता- ओ मनमीत ।।
-अरूण वि.देशपांडे- पुणे
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