Friday, March 25, 2016

कविता- तुला भेटण्याआधी .

कविता- तुला भेटण्याच्या आधी
-अरुण वि.देशपांडे 
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एकटाच मी माझा होतो नव्हते माझे कुणीही 
होती गोष्ट फार साधी, तुला भेटण्याच्या आधी ..||

बरे होते एका दृष्टीने तसे आजवरचे हे जिणे
बेफिकीर -मस्त फिरस्ती मी , तुला  भेटण्याच्या आधी ...||

लाविता तू  दीप आशेचा उजळून गेला मन गाभारा 
तसा ठोस अंधारच होता इथे, तुला भेटण्याच्या आधी 

काय पाहिले तू माझ्यात, जे मला न जाणवले कधी 
अनोळखी किती मीच मला, तुला  भेटण्याच्या आधी ..||

माहिती नव्हते असते काय ते प्रेम, अन ती प्रीती ?
अवगड होते कोडे हे गोड,  तुला भेटण्याच्या आधी ..||
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कविता- तुला भेटण्याच्या आधी .
-अरुण वि.देशपांडे .
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