Monday, March 7, 2016

कविता - सांगू सखे काय तुजला........!

एक जुनीच कविता -नव्या मित्रांसाठी -
कविता - सांगू सखे काय तुजला........!
-अरुण वि. देशपांडे
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सांगू सखे काय तुजला मी
हाल माझ्या मनाचे ते कसे ?
नजरेत  नजर मिसळूदे तुझी
कळेल ,तुज  माझे मन ते कसे ....!

स्वप्नात  असतेस तू , अन
सत्यातही मी  पाहतो तुजला
अस्तित्व तुझे, तेव्हढेच जग माझे
हे  एवढेच  आहे ठावे मजला .......!

ओंजळीत आलो घेउनी मी
उमलत्या फुलांचा गजरा
दिसतेस किती सुंदर तू
 खुले तुजला रंग निळा साजरा ....!

म्हणतेस सदाच तू मला
होतसे काय अशा  पाहण्याने ?
जीवन लाभे नवे  मज दरवेळी
सखे , तुझ्या अशा एका पाहण्याने .......!
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कविता - सांगू सखे  काय तुजला ..!
 -अरुण वि .देशपांडे -पुणे.  
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