श्री || -अरुण वि देशपांडे -पुणे
नमस्कार आणि -
शुभप्रभात सर्वांना ..!
- एक बाल-कविता - नाती-गोती ||
-------------------------------------------------
आईने करता आठवण
धावत येतो कामा
भाऊराया हा आईचा
मोठ्या कामाचा मामा......||
सावलीपरी बहिण आईची
सदैव उभी असे पाठीशी
करून घेई लाड नेहमी
आपली ही लाडकी मावशी ....||
बाबांची लाडकी बहिणबाई
ही आपली आत्याबाई
बाबांचे भाऊ - "आपले काका -
काकांची बायको - काकीबाई ".......||
आई-बाबांचे ही-" आईबाबा "
हे दोघे आपले "आज्जी नि आबा "
सांगतात गोष्टी - देती हो खाऊ "
यांच्या सोबत गाणी गाऊ ............||
मावस, आत्ये, चुलत, मामेभाऊ ,
आपण सारे भाऊ - भाऊ.
एकमेकाकडे सदा येऊ - जाऊ ,
धम्म्माल करण्यात रंगून जाऊ .....||
********************************************************************************************************
बाल-कविता - "नाती- गोती " -अरुण वि .देशपांडे -पुणे.
(पूर्व-प्रकाशित- टानिक- दिवाळी वार्षिक- २०११ )
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नमस्कार आणि -
शुभप्रभात सर्वांना ..!
- एक बाल-कविता - नाती-गोती ||
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आईने करता आठवण
धावत येतो कामा
भाऊराया हा आईचा
मोठ्या कामाचा मामा......||
सावलीपरी बहिण आईची
सदैव उभी असे पाठीशी
करून घेई लाड नेहमी
आपली ही लाडकी मावशी ....||
बाबांची लाडकी बहिणबाई
ही आपली आत्याबाई
बाबांचे भाऊ - "आपले काका -
काकांची बायको - काकीबाई ".......||
आई-बाबांचे ही-" आईबाबा "
हे दोघे आपले "आज्जी नि आबा "
सांगतात गोष्टी - देती हो खाऊ "
यांच्या सोबत गाणी गाऊ ............||
मावस, आत्ये, चुलत, मामेभाऊ ,
आपण सारे भाऊ - भाऊ.
एकमेकाकडे सदा येऊ - जाऊ ,
धम्म्माल करण्यात रंगून जाऊ .....||
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बाल-कविता - "नाती- गोती " -अरुण वि .देशपांडे -पुणे.
(पूर्व-प्रकाशित- टानिक- दिवाळी वार्षिक- २०११ )
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