कविता - समर्थ प्रिय नाम-जय श्रीराम ||
by Arun V. Deshpande on Thursday, June 7, 2012 at 9:58am ·
||श्री || अरुण वि .देशपांडे -पुणे.
कविता - समर्थ प्रिय नाम-जय श्रीराम ||
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हे माझे ,ते ही माझे एवढे ,
एवढेच येते मनात काम
बाहेर काढू यातुनी याला
घ्याला लावू याला स्वामी-नाम ||
संकटात सापडता आम्ही
वाटे जीवनात काय राम ?
बाहेर पडण्यास यातुनी
घ्यावे हो नेहमी स्वामी नाम ......||
घ्यावे निशिदिन स्वमीनाम
त्रस्त जीवास लाभे आराम
विकारांना दूर सारण्यासी
घ्यावे स्वामी समर्थांचे नाम .......||
रोज दिन-आरंभ करीता
नित्य म्हणवे जय श्रीराम
समर्थांना असे प्रिय हेच
नाम हे एक "जय श्रीराम ............||
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अरुण वि .देशपांडे -पुणे.
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कविता - समर्थ प्रिय नाम-जय श्रीराम ||
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हे माझे ,ते ही माझे एवढे ,
एवढेच येते मनात काम
बाहेर काढू यातुनी याला
घ्याला लावू याला स्वामी-नाम ||
संकटात सापडता आम्ही
वाटे जीवनात काय राम ?
बाहेर पडण्यास यातुनी
घ्यावे हो नेहमी स्वामी नाम ......||
घ्यावे निशिदिन स्वमीनाम
त्रस्त जीवास लाभे आराम
विकारांना दूर सारण्यासी
घ्यावे स्वामी समर्थांचे नाम .......||
रोज दिन-आरंभ करीता
नित्य म्हणवे जय श्रीराम
समर्थांना असे प्रिय हेच
नाम हे एक "जय श्रीराम ............||
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अरुण वि .देशपांडे -पुणे.
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