Sunday, June 24, 2012

कविता- "माझे प्रेम हे असे आहे ...!"

कविता- "माझे प्रेम हे असे आहे ...!"

by Arun V. Deshpande on Sunday, April 22, 2012 at 6:39pm ·
श्री ||                                                                         -अरुण वी .देशपांडे -पुणे.
कविता - प्रेम हे असे आहे...!
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असतील सांगणारे तुज
प्रेम तुझ्यावर खूप आहे
शब्दातून सांगणार नाही
माझे प्रेम हे असे आहे........||1||
मनातून उतरण्या पेक्षा
मनात भरावे ग  कधीही
मज व्यक्त होणे वाटे स्वस्त
अव्यक्त प्रेम  हे असे आहे .....|| 2||
मने जुळतात दोन  जेंव्हा
तेव्न्हा आपले कुणी वाटते
जिव्हाळा असतो जो  मनात
तेही प्रेम , हे असे आहे .......   ||3||
एकांती निरामय मनाला
प्रेम आधार देणारे आहे
मी ही आधार असेन तुझा
माझे प्रेम हे असे आहे...........|| 4||
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कविता - "माझे प्रेम हे असे आहे ..." ||              -अरुण वी देशपांडे -पुणे.
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kavitaa

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