कविता - आठवावे तव नाम ..!
-अरुण वि.देशपांडे - पुणे.
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आठवावे तव नाम हे गुरुराया
शीणवटा मनाचा घालवाया ...।। धृ ।।
रहाटगाडगे हे रोजचे चालू
रेटूनी रेटू नी किती हो थकलो
एकचित्त होऊनी आता बसलो
नामस्मरण तुमचे हो कराया .....।। १ ।।
उपदेशाचे बोल तुमचे अवघे
मनात हो साठवुनी ठेवियाले
विपरीत वर्तमानात आजच्या
वागण्या बल द्यावे गुरुराया .....।।२ ।।
किंमत हरवुनी बसली माणसे
हरवून बसले बोलते शब्दही
रंग बदलणे बरे नव्हे कधीही
हे भान तुम्ही द्यावे गुरुराया ....।।३ ।।
आठवावे तव नाम हे गुरुराया
शीणवटा मनाचा घालवाया ...।। धृ..।।
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कविता - आठवावे तव नाम हे गुरुराया ...।।
- अरुण वि.देशपांडे - पुणे.
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-अरुण वि.देशपांडे - पुणे.
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आठवावे तव नाम हे गुरुराया
शीणवटा मनाचा घालवाया ...।। धृ ।।
रहाटगाडगे हे रोजचे चालू
रेटूनी रेटू नी किती हो थकलो
एकचित्त होऊनी आता बसलो
नामस्मरण तुमचे हो कराया .....।। १ ।।
उपदेशाचे बोल तुमचे अवघे
मनात हो साठवुनी ठेवियाले
विपरीत वर्तमानात आजच्या
वागण्या बल द्यावे गुरुराया .....।।२ ।।
किंमत हरवुनी बसली माणसे
हरवून बसले बोलते शब्दही
रंग बदलणे बरे नव्हे कधीही
हे भान तुम्ही द्यावे गुरुराया ....।।३ ।।
आठवावे तव नाम हे गुरुराया
शीणवटा मनाचा घालवाया ...।। धृ..।।
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कविता - आठवावे तव नाम हे गुरुराया ...।।
- अरुण वि.देशपांडे - पुणे.
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